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बड़ी चाह थी कई दिनों से तेरे हुस्न-ऐ दीदार की,,

बड़ी चाह थी कई दिनों से तेरे 
हुस्न-ऐ दीदार की,,

भले तू वास्ता न रख पर राब्ता तो कर 
तबीयत का बीमार की।।

©गुरुDev choudhary
  #delusion