White प्यार, व्यार, इश्क, वफ़ा सब चंद लम्हों का बहाना था,, सबके अपने अपने ठिकाने थे सबको जल्दी जल्दी घर जाना था,,,, फिर तुम उठकर चले गए ,सो भी महफ़िल रंगीन रही हमारी,, हक़ीक़त में तो तुम्हारे जाते ही शमा को भी चले जाना था,,,, और ये किसने डाले है झूले इन सूखे दरख़तो की डालो पर,, फिर तुम तो खुदकुशी से गुजरे हो, देव! तुम्हे तो रस्सी के नाम से भी डर जाना था,,,, शायद मेरी कसमों में मैं मुनासिब तो था पर मुब्तला न था,, वरना वादे के मुताबिक़ तो मुझे जुदा होते ही मर जाना था।।।। ©Dev choudhary #sad_quotes शायरी दर्द शायरी हिंदी 'दर्द भरी शायरी' लव शायरी हिंदी में शायरी हिंदी में