मैंने तेरी ज़िन्दगी में आके क्या गुनाह किया, दी है सजा ऐसी ऐसा क्या गुनाह किया, फिकरते थी हमको हर पल की तेरी, ये मैने पूछा तो इसमें क्या गुनाह किया, मैंने तेरी ज़िन्दगी..................! करता शरारत दिल ये नादान दिल है, हर पल तुझे चाहे जीना मुश्किल है, समझे अगर तू मेरे दिल ने क्यों क्या किया, मैंने तेरी ज़िन्दगी................! मैंने तेरी ज़िन्दगी में........!