गीत तेरा सदा गुनगुनाता रहा। हर गमों को यूँ ही मैं भुलाता रहा। छोड़कर के मुझे चल दिये थे कहाँ- आज तक दिल ये मेरा बुलाता रहा। #मुक्तक #तेरामेरासाथ #विश्वासी