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वो शायद जा रही थी।... शायद कहना था उसे कुछ मगर क

वो शायद जा रही थी।...

शायद कहना था उसे कुछ
 मगर कह नहीं पा रहीं थी
आंखें, भरी हुए थी उसकी 
फ़िर भी मुस्कुराए जा रही थी
वो शायद जा रही थी।
अक्सर कहती, नहीं लगता
 डर तुझे खोने से
मगर आज बार-बार अपने आंसू
 छुपाए जा रही थी
वो शायद जा रही थी।। to be continued।।...
वो शायद जा रही थी।...

शायद कहना था उसे कुछ
 मगर कह नहीं पा रहीं थी
आंखें, भरी हुए थी उसकी 
फ़िर भी मुस्कुराए जा रही थी
वो शायद जा रही थी।
अक्सर कहती, नहीं लगता
 डर तुझे खोने से
मगर आज बार-बार अपने आंसू
 छुपाए जा रही थी
वो शायद जा रही थी।। to be continued।।...
samirsingh9468

Samir Singh

New Creator