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आजादी भूल रहे हो तुम कुछ लगता आजादी के बारे में क

आजादी

भूल रहे हो तुम कुछ लगता आजादी के बारे में कितना जोश भरा था 
उस इन्कलाब के नारे में

काले बादल से छाए थे 
जब चमकी एक किरण उजाले की फिर एक जुट होकर किया उजाला

और लाठी आगे कर दी बापू ने मिला सहारा जिसको थी 
जरूरत तब सहारे की

उठकर लोगों ने उठा दिया जो बैठ पेश हुकूमत करते थे

उठी नहीं आवाज कभी जो, तो हमको अपना गुलाम समझते थे 
वो साले अंग्रेजी कुत्ते इस देश को अपने बाप की जागीर समझते थे

तूफ़ानी सी लहर थी मानो भीड़ थी 
लाखों में मर मिटने को राजी थी आजादी की भूख थी 
सबको फिर नया इतिहास लिखा तब सबकी एक कहानी थी।।

तुम तो देखो भूल गए हो सबकी 
ये कुरवानिया नानी ने क्या बंद कर दी सुनाना आजादी की वो कहानियां

अपना फर्ज तुम अर्पण करके निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करके अवसर है
 ये पास तुम्हारे कहलाओ भारत मां के बेटी बेटा बनके...

©Aarchi Advani आजादी

भूल रहे हो तुम कुछ लगता आजादी के बारे में कितना जोश भरा था उस इन्कलाब के नारे में

काले बादल से छाए थे जब चमकी एक किरण उजाले की फिर एक जुट होकर किया उजाला

और लाठी आगे कर दी बापू ने मिला सहारा जिसको थी जरूरत तब सहारे की
आजादी

भूल रहे हो तुम कुछ लगता आजादी के बारे में कितना जोश भरा था 
उस इन्कलाब के नारे में

काले बादल से छाए थे 
जब चमकी एक किरण उजाले की फिर एक जुट होकर किया उजाला

और लाठी आगे कर दी बापू ने मिला सहारा जिसको थी 
जरूरत तब सहारे की

उठकर लोगों ने उठा दिया जो बैठ पेश हुकूमत करते थे

उठी नहीं आवाज कभी जो, तो हमको अपना गुलाम समझते थे 
वो साले अंग्रेजी कुत्ते इस देश को अपने बाप की जागीर समझते थे

तूफ़ानी सी लहर थी मानो भीड़ थी 
लाखों में मर मिटने को राजी थी आजादी की भूख थी 
सबको फिर नया इतिहास लिखा तब सबकी एक कहानी थी।।

तुम तो देखो भूल गए हो सबकी 
ये कुरवानिया नानी ने क्या बंद कर दी सुनाना आजादी की वो कहानियां

अपना फर्ज तुम अर्पण करके निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करके अवसर है
 ये पास तुम्हारे कहलाओ भारत मां के बेटी बेटा बनके...

©Aarchi Advani आजादी

भूल रहे हो तुम कुछ लगता आजादी के बारे में कितना जोश भरा था उस इन्कलाब के नारे में

काले बादल से छाए थे जब चमकी एक किरण उजाले की फिर एक जुट होकर किया उजाला

और लाठी आगे कर दी बापू ने मिला सहारा जिसको थी जरूरत तब सहारे की

आजादी भूल रहे हो तुम कुछ लगता आजादी के बारे में कितना जोश भरा था उस इन्कलाब के नारे में काले बादल से छाए थे जब चमकी एक किरण उजाले की फिर एक जुट होकर किया उजाला और लाठी आगे कर दी बापू ने मिला सहारा जिसको थी जरूरत तब सहारे की #India #IndependenceDay #IndianArmy #कविता #background_photography_ #Independence2021 #aarchiadvani #war_peeace