अक्सर निभा नहीं पाते हम रिश्ते अपनी तमाम कोशिशों के बावज़ूद रह जाती हैं शिकायतें सभी को कुछ अनगिनत अथक प्रयासों के बावज़ूद चाहते हैं मन की मंजिल को पाना सभी दूर होती जाती मंजिल दौड़ के बावज़ूद पा लेते हैं ज़िंदगी में कई बार बहुत कुछ कमी फिर भी होती है कुछ इसके बावज़ूद लिख लेते हैं अपने मन की सभी काग़ज पर फिर भी कुछ मन में ही रह जाता इसके बावज़ूद Muनेश..Meरी✍️ #बावजूद #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi