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मैं ही आगे कहीं निकलता गया, मुंतज़िर वो तो है उसी

मैं ही आगे कहीं निकलता गया,
मुंतज़िर वो तो है उसी दर पर।

याद इतनी ही बस वो उल्फत है,
देख खिड़की से उसका मुसकाना।

ले ही आता है दिल गली में तेरी,
काश दिख जाये वो हसीं चेहरा।

#शैलशायरी

©Shailesh Maurya #alone #मुंतज़िर #इश्क़  Anshu writer  mysterious boy  Harlal Mahato Swati Srivastava TAMANNA NAIN(taani)
मैं ही आगे कहीं निकलता गया,
मुंतज़िर वो तो है उसी दर पर।

याद इतनी ही बस वो उल्फत है,
देख खिड़की से उसका मुसकाना।

ले ही आता है दिल गली में तेरी,
काश दिख जाये वो हसीं चेहरा।

#शैलशायरी

©Shailesh Maurya #alone #मुंतज़िर #इश्क़  Anshu writer  mysterious boy  Harlal Mahato Swati Srivastava TAMANNA NAIN(taani)