क्या आप अपने देश का इस विपदा की घड़ी में 21 दिन का लॉक डाउन ना तोड़ने का प्रण नहीं ले सकते क्या। क्या अपने देश के प्रति अपना कर्तव्य नहीं निभा सकते क्या। क्या पिज्जा बर्गर इत्यादि चीज़ों के बिना नहीं रह सकते क्या। रोड़ पर मैदान पर क्रिकेट, फुटबॉल खेलें बिना नहीं रह सकते क्या। कुछ दिन जिम क्लब जाए बिना नहीं रह सकते क्या। कुछ दिन अपनी घरों के छतों पर ही थोड़ा इधर उधर घूमते हुए मॉर्निंग वाक नहीं कर सकते क्या। मॉर्निंग वॉक के बदले बाबा रामदेव जी कहते है थोड़ा योगा ही कर लीजिए तो घर पर बैठ कर योगा ही कर लीजिए ना। हमारे देश की पुरानी संस्कृति रही है सदियों काल से योगा, वेद, पुराण ज़रा इनका भी घर पर रहकर ध्यान ही लगा लीजिए। किताबें पढिए, धार्मिक से जुड़ी अन्य रचनाएं ही पढ़ लीजिए, मन लग जाएगा। क्या अपने दोस्तों से बिना मिले अपने घर पर खींची लक्ष्मण रेखा क्रॉस किए बिना मोबाइल वीडियो कॉलिंग के जरिए सिर्फ हाल समाचार नहीं पूछ सकते क्या। अपने अपने घर पर रहिए, सुरक्षित रहिए। देश में वेंटिलेटर 1 लाख और देश की जनसंख्या.... अंदाजा लगाइए स्तिथि को संभालना हमारे और आपके बस में है। बस 21 दिन हिंदुस्तान के माननीय प्रधान मंत्री जी की आप सभी देश वासियों को अपील को ध्यान में रखकर अपने अपने घरों की लक्ष्मण रेखा पार नहीं कीजिए। एक शपथ लीजिए अपने देश के डॉक्टर्स, अपने देश की सरकार, और राज्य सरकार, जिला प्रशासन, जूनियर, सीनियर प्रशासन, और जितने भी दुकानदार और मेडिकल स्टोर्स, फ्रूट दुकान, दूध मिल्क डेयरी, नगर निगम कर्मचारी इस करोना रूपी वायरस विपदा की मुहिम में देश सेवा सामाजिक सेवा में लगे हैं उन सभी का साथ दीजिए सैल्यूट कीजिए। प्लीज़ लॉक डाउन नियम का पालन करते हुए 21 दिन अपने घरों पर रहिए नहीं तो स्तिथि बिगड़ गई तो शायद कितने महीने लग जाएंगे शायद स्तिथि संभाल भी पाएंगे की नहीं कल्पना भी नहीं कर सकते। समझदार बनिए, जागरूक बनिए अपने देश के प्रति अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाइए। विनम्र अपील है मेरी आप सभी लोगों से। धन्यवाद 🙏🙏🙏 #रिक्वेस्ट