दिल रो रहा है आसमाँ में गम के बादल छाये हैं ए खदा हम कैसी मुश्किल में घिर आये हैं लौटा दे हमे तौफीक ए ज़मात देख शर्मिन्दा हैं मौला ये तेरे गुनाहगार बन्दे तेरे दरपे लौट आये हैं Mohd.Zeeshan Firozabadi vghjcuc