ये कौन मेरे घर तक चला आया आज, रास्ता भुला है या मेहमान चला आया आज, वही चेहरा वही आंखे वही जुल्फे है इसकी, मैं कहता था ना आएगा,मेरा मेहबूब चला आया आज, ना कुर्सी है ना सोफा है ना पलंग है तुम्हे कहा बिठाऊँ मैं, वो मैं मर रहा था ना सारा सामान बेच आया आज, आजमाया गया रुलाया गया ठुकराया गया जामने से, वो रोता हुआ मेरी कब्र पर चला आया आज, ना दिल है ना सांस है ना जिस्म है तुम्हे क्या दु जाना, ये तेरी आदत भी ना,तू फिर देर से चला आया आज। #Bobbyverma #nojoto #nojotohindi #hindi #poetry #sayri 3 STAR TALENT