चीखें उसकी,उन्हें भी, शेरनी की दहाड़ सी लगी होगी!! बावजूद उसके,कैसे जिन्दा थी वो, हिम्मत विशाल पहाड सी लगी होगी!! मार दिया कमबख्तों ने दीन,दया,न शर्म आई उन्हें !! मरते मरते भी दुष्कर्म किया, अपनी बेटी नजर न आई उन्हें!! नियम कानून न बदले अगर, ये हैवानियत और बढ जाएगी!! पहले निर्भया,आज ट्विंकल, कल कोई और सूली चढ जाएगी!! हर तरफ दरिंदो का राज होगा, नन्हे परिंदे खाता बाज होगा!! दुष्कर्म की सजा जब मौत होगी, तब मुझे भारतीय होने का नाज होगा!!