ये क्या! पानी ताब में है इंसान आवाज़ दे रहा है, उदास आँखों के बादल में आँसू बनकर रह रहा है। नही आता कोई बचाने किसी को,सब तैरेंगे ख़ुद की ख़ातिर, जहाँ तक जाती है नज़र पानी ही पानी ठहरा है। कारनामा ये तेरा ही है जो क़यामत की नौबत है, यक़ी बुत बना खड़ा रह गया और जहान बह रहा है। 🎀 Challenge-224 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।