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वो मुझमे अपना फिजूल वक्त ढुंढ रही थी, मैं पागल उसम

वो मुझमे अपना फिजूल वक्त ढुंढ रही थी,
मैं पागल उसमें जिंदगी ढूंढ बैठा।

उसकी हरकतें किसी को भुलने की थी,
मै पागल उन आँखों में खुद को भुल बैठा।

उसके इश्क की नुमाइश चल रही थी,
कमबख्त भीड़ मे खुद की निलामी कुबूल बैठा।

उसका मुझे i lv u बोलना और मेरा 1,2,3,4 तक पहुंच जाना उसके लिए मजाक था,
कमबख्त नीलाम हुए की इश्क मे गिनती भुल बैठा।

वो मुझमे अपना फिजूल वक्त ढुंढ रही थी,
मैं पागल उसमें जिंदगी ढूंढ बैठा।

हमारे लम्हे वर्ष भर की थी,
उन लम्हों मे मै सिर्फ उसका, नजाने वो किसी गैर की थी।
किसी ने पूछ दिया हमारे दरमियाँ क्या थी,
मुस्कुराया और बोल दिया chill यार वो बस friend थी ।।

              s mishra #nojoto,#nojotoara,#nojotohindi
वो मुझमे अपना फिजूल वक्त ढुंढ रही थी,
मैं पागल उसमें जिंदगी ढूंढ बैठा।

उसकी हरकतें किसी को भुलने की थी,
मै पागल उन आँखों में खुद को भुल बैठा।

उसके इश्क की नुमाइश चल रही थी,
कमबख्त भीड़ मे खुद की निलामी कुबूल बैठा।

उसका मुझे i lv u बोलना और मेरा 1,2,3,4 तक पहुंच जाना उसके लिए मजाक था,
कमबख्त नीलाम हुए की इश्क मे गिनती भुल बैठा।

वो मुझमे अपना फिजूल वक्त ढुंढ रही थी,
मैं पागल उसमें जिंदगी ढूंढ बैठा।

हमारे लम्हे वर्ष भर की थी,
उन लम्हों मे मै सिर्फ उसका, नजाने वो किसी गैर की थी।
किसी ने पूछ दिया हमारे दरमियाँ क्या थी,
मुस्कुराया और बोल दिया chill यार वो बस friend थी ।।

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