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तक़दीर बदल जाती है जब, अपने छोड जाते हैं, बुरे वक़्त

तक़दीर बदल जाती है जब, अपने छोड जाते हैं,
बुरे वक़्त भी, अपने होने का अहसास दिलाते हैं,
सारी कायनात के दुख दर्द हमे सताते हैं,
लोगो के ताने सुन सुन कर कांन पक जाते हैं,
नाकाम लोग भी कामयाबी के किस्से सुनाते हैं,

कुछ ये झेल कर टूटते और बिखर जाते हैं,
हम जैसे लोग अपना रस्ता खुद बानाते हैं,
दुख दर्द को अपनी ताकत, 
और मेहनत को किस्मत बनाते हैं,
अपनी तक्बीर से अपनी तकदीर सजाते हैं।                      
                            #$hivi #तक्दीर 




💔Chiwu💔 shubhi srivastav 'निर्मेय' अजात Shivdeep Patel Nawab Khan
तक़दीर बदल जाती है जब, अपने छोड जाते हैं,
बुरे वक़्त भी, अपने होने का अहसास दिलाते हैं,
सारी कायनात के दुख दर्द हमे सताते हैं,
लोगो के ताने सुन सुन कर कांन पक जाते हैं,
नाकाम लोग भी कामयाबी के किस्से सुनाते हैं,

कुछ ये झेल कर टूटते और बिखर जाते हैं,
हम जैसे लोग अपना रस्ता खुद बानाते हैं,
दुख दर्द को अपनी ताकत, 
और मेहनत को किस्मत बनाते हैं,
अपनी तक्बीर से अपनी तकदीर सजाते हैं।                      
                            #$hivi #तक्दीर 




💔Chiwu💔 shubhi srivastav 'निर्मेय' अजात Shivdeep Patel Nawab Khan