करते हैं कोशिश दर्द को दायरों में रख्खें, पर अश्क़ हैं कि ज़ज़्बात में बह जाते हैं। हम तो यादों को दिखा देते हैं हँसता चेहरा, कमबख़्त हालात हैं जो बेताब हुए जाते हैं। रविकुमार... करते हैं कोशिश दर्द को दायरों में रख्खें, पर अश्क़ हैं कि ज़ज़्बात में बह जाते हैं। हम तो यादों को दिखा देते हैं हँसता चेहरा, कमबख़्त हालात हैं जो बेताब हुए जाते हैं। रविकुमार...