ज़िन्दगी न मौज मस्ती के साथ गुज़र रह ही थी लेकिन जब रियलिटी सचाई आपके मुपर तमाचा मारती है न तब समझा आता है क्या है ज़िन्दगी की असली सचाई ना ही तब हसी निकलती है न ही ज़िन्दगी अछि लगती है लेकिन हां जबाबदारी का ऐहसास ज़रूर हो जाता है zindagi ki sachai #AloneInCity