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याद है मुझे वो पहला दिन जब पहली दफा तुम्हे देखा था

याद है मुझे वो पहला दिन
जब पहली दफा तुम्हे देखा था
1st लाइन की 2ND सीट पर तुम
और 2ND लाइन की 3rd सीट पर मैं बैठा था
ना जाने क्यों धड़क उठा x2 
जो दिल बरसों से चुप बैठा था
 कुछ नही रखा इस प्यार मोहब्बत में 
इन होठों की मुस्कराहट के लिए 
मैं भरी CLASS में जोकर बन गया 
अँधेरे में डूबे इस मन को ..x2 
निकालने की खातिर तेरा मुस्कुराना ही काफी है 
यूं तो है हर ख़ुशी इस जहां की मेरे पास 
बस तेरा ही आना बाकी है

©दीपक पंडित
  #बसतेराआनाबाकीहै2