याद है तुम्हें हमारी पहली मुलाक़ात, जो कभी हक़ीक़त में हुई ही नहीं।। इसलिए नहीं की तुम बस मेरा ख़्वाब थी, हक़ीक़त थी तुम, तुम सचमुच मेरे साथ थी।। बस इसलिए कि तुम्हें और भी ज़रूरी काम थे, और हम, हमारा क्या हम तो उम्मीद की नांव पर सवार थे।। मुझे ग़लती मेरी ही बताई गई इसमें भी, कि हमारे "सरप्राइज़" की कोई क़ीमत नहीं।। याद है तुम्हें... #यादहैतुम्हें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #bestyqhindiquotes #yqhindi #aprichit #taajdaar Collaborating with YourQuote Didi