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किसने उत्पत्ति की समाज की जिसका अस्तित्व है आज भी

किसने उत्पत्ति की समाज की 
जिसका अस्तित्व है आज भी ।
इस समाज में है कई बुराई 
और बुराई के साथ जुड़ी है सच्चाई 
इससे कई ज्यादा है भारतीय समाज की अच्छाई 
अरे! ये बुराई नहीं है प्राचीन 
ये तो आधुनिक काल में ही सामने आई।
प्राचीन भारतीय समाज तो आज से भी उत्तम था 
या यूं कहें कि वही सर्वोत्तम था।
अब सवाल ये है कि वे कौनसी बुराई है
जिनके साथ जुड़ी ,आज की सच्चाई है।
अरे! दहेज प्रथा ,बाल विवाह और कन्या भ्रूण हत्या
ये सब समाज की ही तो बुराई है 
जो बताती भारतीय समाज की सच्चाई है।
पर इसके साथ समाज में है ढेरों अच्छाई 
जो आज के बच्चो को बहुत ही कम बताई ।
कुछ विदेशी कहते है की इंडियन illetrate है 
अरे!तुम्हारे क्षेत्रफल से बड़ा तो हमारे पास इंडिया गेट है।
पर आधुनिकता ने इस सब को तो मिटा दिया 
नमस्ते करने वाले हाथों को हाथ मिलाना सिखा दिया।
अरे वो कहते है कि इंडियन primitive है 
हम primitive ही सही, पर तुमसे ज्यादा क्रिएटिव है।

यहां के लोग प्रकृति को भी पूजा करते है
पेड़ों का नाम भी देवताओं के नाम से धरते  है।
यहां की आबादी पेड़ों कि रक्षा में मरती है
क्यूंकि उन्हें पता है कि प्रकृति कुछ भी कर सकती है।
अरे! ऑक्सीजन देने वाली यही पेड़ की पत्ती है
अमृता देवी जैसी महिलाएं पेड़ों के लिए ही मरती है।

ऐसी ही हमारे समाज में विद्यमान है कई अच्छाई 
पर मूर्ख लोग बताते है इसकी केवल बुराई 
अरे!ये बुराई हमारे बुजुर्गों ने नहीं बनाई
ये तो जबरदस्ती ही  हमारे समाज में घुस आई
लेकिन एक दिन ये बुराई जरूर होंगी धराशाई ।

हम एक दिन इन बुराइयों को समाज से मिटाएंगे 
भारत को विश्व गुरु की कुर्सी पर हम बैठाएंगे 
हम चाहे तो कुछ भी हम कर जाएंगे
हिमालय से ऊंची चोटी को भी बौना हम बनाएंगे।। It is our भारतीय समाज .
             - GARVIT SINGHAL
किसने उत्पत्ति की समाज की 
जिसका अस्तित्व है आज भी ।
इस समाज में है कई बुराई 
और बुराई के साथ जुड़ी है सच्चाई 
इससे कई ज्यादा है भारतीय समाज की अच्छाई 
अरे! ये बुराई नहीं है प्राचीन 
ये तो आधुनिक काल में ही सामने आई।
प्राचीन भारतीय समाज तो आज से भी उत्तम था 
या यूं कहें कि वही सर्वोत्तम था।
अब सवाल ये है कि वे कौनसी बुराई है
जिनके साथ जुड़ी ,आज की सच्चाई है।
अरे! दहेज प्रथा ,बाल विवाह और कन्या भ्रूण हत्या
ये सब समाज की ही तो बुराई है 
जो बताती भारतीय समाज की सच्चाई है।
पर इसके साथ समाज में है ढेरों अच्छाई 
जो आज के बच्चो को बहुत ही कम बताई ।
कुछ विदेशी कहते है की इंडियन illetrate है 
अरे!तुम्हारे क्षेत्रफल से बड़ा तो हमारे पास इंडिया गेट है।
पर आधुनिकता ने इस सब को तो मिटा दिया 
नमस्ते करने वाले हाथों को हाथ मिलाना सिखा दिया।
अरे वो कहते है कि इंडियन primitive है 
हम primitive ही सही, पर तुमसे ज्यादा क्रिएटिव है।

यहां के लोग प्रकृति को भी पूजा करते है
पेड़ों का नाम भी देवताओं के नाम से धरते  है।
यहां की आबादी पेड़ों कि रक्षा में मरती है
क्यूंकि उन्हें पता है कि प्रकृति कुछ भी कर सकती है।
अरे! ऑक्सीजन देने वाली यही पेड़ की पत्ती है
अमृता देवी जैसी महिलाएं पेड़ों के लिए ही मरती है।

ऐसी ही हमारे समाज में विद्यमान है कई अच्छाई 
पर मूर्ख लोग बताते है इसकी केवल बुराई 
अरे!ये बुराई हमारे बुजुर्गों ने नहीं बनाई
ये तो जबरदस्ती ही  हमारे समाज में घुस आई
लेकिन एक दिन ये बुराई जरूर होंगी धराशाई ।

हम एक दिन इन बुराइयों को समाज से मिटाएंगे 
भारत को विश्व गुरु की कुर्सी पर हम बैठाएंगे 
हम चाहे तो कुछ भी हम कर जाएंगे
हिमालय से ऊंची चोटी को भी बौना हम बनाएंगे।। It is our भारतीय समाज .
             - GARVIT SINGHAL