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बन्धुः स्नेहेन मनो बध्नाति यः । (शब्दकल्पद्रुम

बन्धुः 
स्नेहेन 
मनो बध्नाति
 यः ।

(शब्दकल्पद्रुम)

जो मन​ को 
स्नेह से 
बांधे -
वह भाई।। स्नेह से बंधा हुआ भाई
बन्धुः 
स्नेहेन 
मनो बध्नाति
 यः ।

(शब्दकल्पद्रुम)

जो मन​ को 
स्नेह से 
बांधे -
वह भाई।। स्नेह से बंधा हुआ भाई

स्नेह से बंधा हुआ भाई