इंसान जब अपने अलार्म पर से नियंत्रण खोया तब उसने रेत वाली घड़ी को प्रयोग में लाया। और जब उससे भी काम नहीं बन पाया तब उसने बोलने वाली अलार्म घड़ी को बनाया । और जब ये भी रंग नहीं लाया तो उसने कृत्रिम वाणी को चलन में लाया। ##समय # ##समय को इंसान कभी#खोना नहीं चाहता है।