घर से निकलो तो घर खींचता हैं फिर गांव खींचता हैं रोज़ी, रोज़गार, काम खींचता हैं खींचता हैं पत्नी का प्यार बच्चों का मुस्कान खींचता हैं कमाने निकला आदमी कहीं का नही रहता !! ©Devashray Kumar #dilemma #रोजगार #parivaar #परदेशी