चेहरा नहीं देखा उनका आजतक बस आंखों से प्यार कर गए, अल्फाजों से मोहब्बत का इजहार क्या करना उनकी आखों के तलबगार हो गए, वो कल भी आए थे छत पर कबूतरों को दाना डालने, पंछी आजाद हो गए और हम आज भी उनके आंखो के कैदखाने में गिरफ्तार हो गए।। ©Mauryavanshi Veer #Eyes #Veeer #A #Mauryavanshi