पल पल में सांस अटकी जा रही हैं गले में अजीब सी झपकी आ रही हैं अच्छा! शायद इसी का नाम हिचकी हैं जो मुझे सता रही हैं कोई बेताब है मेरे लिए जो मुझे याद कर रहा है या कोई है जो रिश्ते की बात कर रहा है कोई खासियत बताकर गुणो का बखान कर रहा है या कोई है जो बुराईयों का रुझान कर रहा है बैचेन हो चुका इसलिए इतने विचार आ रहे हैं ये हिचकी वाले झरोखे तो एक मिनट में चार आ रहें हैं कुछ देर बाद पता चला फेफड़ों में ऑक्सीजन की वजह से हिचकियां आती हैं पानी पीने से बंद भी हो जाती है तो ये विज्ञान है जिसे आधुनिकता ने चुना है यह सब ग़लत है जो बचपन से सुना है हिचकी आने पर याद करता है कोई यह तो फालतू की बात हो रही है कुछ क्षण बाद इक फोन आया और उसने कहा जल्दी से आजा तेरी याद आ रही है ©सजल जैन " हिचकी " {you will definitely get goosebumps after read it} #Sunrise #Hinchkiyan #hichki #mylife #Real #Poet #Poetry