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सूर्य नमस्कार मंत्र अर्थ

             सूर्य नमस्कार मंत्र अर्थ
                           सातवां मंत्र

ॐ हिरण्यगर्भाय नमः ( स्वर्णिम प्रकाश पुंज को प्रणाम )
हिरण्यगर्भ, स्वर्ण के अंडे के समान एक ऐसी रचना है जिससे सृष्टिकर्ता ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई मानी गयी है | सूर्य को भी हिरण्यगर्भ के समान माना गया है । हिरण्यगर्भ को प्रत्येक कार्य का परम कारण माना गया है। सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड, आविर्भाव के पूर्व अन्तर्निहित अवस्था में हिरण्यगर्भ के अन्दर अव्यक्त रहता है। इसी प्रकार समस्त जीव जिनमें जीवन का संचार है सूर्य में अन्तर्निहित है।

भुजंगासन में हम सूर्य के प्रति सम्मान प्रकट करते है तथा यह प्रार्थना करते है कि हमारे अंदर रचनात्मकता का उदय हो।

©Sanyukta Kumari
  🙏 ॐ हिरण्यगर्भाय नमः 🙏
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🙏 ॐ हिरण्यगर्भाय नमः 🙏 #Bhagwan #Bhakti #Reels #short #Trending #viral Love #Like #nojohindi #follow #पौराणिककथा

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