"रब की कसम तुझे भुला ना पायेंगे जमाना करे चाहे लाख सितम मेरा- तुझसे प्यार मिटा ना पायेंगे तू मेरी चाहत है और आखिरी सांस तक रहेगी ए "जान" तू भी करे कोशीश तो भी दूर नही कर पाओगे" "जान" तेरे सूखे हुए होंठो को कुछ एहसास नहीं, अब समन्दर से ये कह दो की मुझे प्यास नहीं वक्त की आंधी उड़ा ले गयी ख़त भी तेरे ले तेरी कोई अमानत मेरे पास नहीं..! ------------------–--------