तेरे चेहरे को आज भी तकती हूं, तो मानो सालो पुराना किताब पढ़ती हूं जिससे बिछड़े सालों हो गए, पर आज भी वही पन्ने पलटती हूं पढ़ने को और भी किस्से है, पर न जाने क्यूं आज भी मैं उसी पुरानी किताब की कहानियां पसंद करती हूं तेरे चेहरे को आज भी तकती हूं, तो मानो सालो पुराना किताब पढ़ती हूं।। ©Pinki Singh #Exploration #poem #Nojoto #yaaden #एहसास #Feeling #Trading