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निश्छलता में अनवस्थिति संग चपलता, उछलता-कूदता, अं

निश्छलता में अनवस्थिति संग चपलता, उछलता-कूदता, 
अंतर्बोध निर्द्वन्द्वता; हठ-आमर्षता, उसका कर्पण!

मनोज्ञता की छब से ओत-प्रोत, आनन रोदित-विहसता, 
सज-इठलाता, दौड़ता-भागता; उसमें इश्वरीय दर्पण!

©Viraaj Sisodiya
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