अंतर्द्वंद्व जो अपने अंतर्द्वंद्व पर विजय पा ले उसे दूसरा कोई कैसे हरा दे... मुश्किल बहुत है लेकिन नामुमकिन यहां कुछ भी नहीं... कर निश्चय जो तू एक बार ... ज़ोर लगा ले पूरा... तोड़कर सारे विचारो को मुक्त कर ले तू खुदको ख़ुद से ख़ुद ही लड़कर जीत जा तू ख़ुदी से तुझे तेरे सिवा कोई हरा दे ऐसा तो कोई ख़ुदा भी नहीं तू आग है तू ही पानी तेरी कहानी तुझसे बेहतर किसने है जानी थामकर तू पवन को उड़ चल उसके संग ही त्याग कर सारे विचारो को राह चल तू अपनी नई विचारो की गहराईयों से ख़ुद को तू उपर उठा डूबने से खुदको तू ही बचा सहारा , साथ , सहयोग ये केवल भ्रम है दुनिया के तू ही सहारा , तू ही ताकत है और हिम्मत भी तू , शक्ति का अंश है तू , कर विनाश...तू नव आरंभ कर आत्म द्वन्द्व को मिटा कर जीत ख़ुद पर कायम कर तू ©Nikita Sharma (Ni-Chha) #life#frustration#motivationalthoughts