अब इससे बढ़ के मुक़द्दर खराब क्या होगा उन्हीं से दूर है जिनसे हमें माेहब्बत है चाँद ककरालवी अब इससे बढ़ के मुक़द्दर खराब क्या होगा उन्हीं से दूर है जिनसे हमें माेहब्बत है चाँद ककरालवी