हमसफ़र मिला नहीं तू आईना सवार चल नदी जो गर मिले तुझे उस आईने से पार कर जंगल घाना लता ये बेल आईने से तू काट चल सामने है चंद्रमा तू आईने में कैद कर दिखे त्रिशूल हुइ सुबह कैलाश का तू जाप ले आईने से खोदकर कदम बढ़ा जरा जरा तूफ़ान में लड़खड़ा गिरे हाथ आईने में बढ़ा जरा खींचे तुझे है ला रहा ये कौन h क्या है आईना हर वक़्त सर्वस्त्र मै ही था प्रतिबिंब तेरा आईना ©Yash Verma #aaina #Mirror #faithOnGod #BePositive #chalechalo