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बाद दशकों के बिना विघ्न... न किसी ने मुफ़्त में ज

बाद दशकों के बिना विघ्न...

न किसी ने मुफ़्त में ज्ञान दिया ,न कोई कड़वी बोली,
बाद दशकों के बिना विघ्न के इस बार ,खेली है होली।

हमारे रंग गुलाल पे कोई उंगली ना उठाएं, इस 
लिए संवेदनशील दीवारें ,हमने पहले ही ढक दी।

हम नहीं चाहते, समाज में कोई भी वैमनस्य
 भाव ,इसलिए पहले ही शांति की अपील रखदी।

शांति से उनने भी, अमन चैन की मांगी हैं दुआएं,
हमने फूल और रंगों के साथ साथ भांग भी घोली।

बाद दशकों के बिना विघ्न के इस बार, खेली है होली"

©Anuj Ray
  #बाद दशकों  के बिना विघ्न...
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Anuj Ray

Bronze Star
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#बाद दशकों के बिना विघ्न... #समाज

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