नहीं चलेगा कोई बहाना कोशिश तो करनी पड़ेगी ; नहीं चलेगा कोई बहाना अरे क्यूँ बैठा है चुपचाप अब तो कुछ करके दिखाना लगाना ! कोशिश , उम्मीद से ; अपने , दिल को बस तू एकबार ; मेरे यार , आसमां छूकर दिखाना कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद नहीं चलेगा बहाना....कीर्तिप्रद