नेता के घर दौलत ढ़ेर, जन जीवन है ढ़ेर । भगवन के घर देर थी, अब साथ में अंधेर ।। जन चाहे रोजी-रोटी, धन की न है चाह । दिन दिन दूभर हो रही, जीने की हर राह ।। सत्ता के गलियारों में, चकाचौंध भरपूर । जन जन की गलियों में, सब कुछ चकनाचूर ।। #AaveshVaani #JanMannKiBaat #neta #janta #satta