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यूं अचानक बिन मौसम, बारिश जब आती है, पुरानी सारी य

यूं अचानक बिन मौसम,
बारिश जब आती है,
पुरानी सारी यादों को,
ताजा कर जाती है।
कभी खुशी कभी गम,
याद दिलाती है,
बारिश मुझे अक्सर,
रुलाकर ही जाती है।

कभी खुशी की ठंडी फुहारे,
कभी गमों की आंधियाँ आती है,
बादलों की गर्जन,
कभी दिल बैठाती है।

सौंधी सी खुशबू कभी ,
मन को महकाती है,
तूफानों के संग फिर ये,
गुम भी हो जाती है।

एहसासों की सारी बातें,
क्या तुमको भी याद आती है,
ये बारिश मुझे अक्सर,
रुलाकर ही जाती है।

©Nishchhal Neer
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