लिखने वाले प्रयोगधर्मी होते हैं, जो समाज को दिशा और दशा देते हैं। पढ़ने वाला लिखने वाले से ज्यादा महान होता है, क्योंकि वह लिखे को ग्रहण कर समाज को बदलता है। पढ़ने वाला