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आज मेरा आख़िरी दिन था यमराज मुझे लेने आया था, पु

आज मेरा आख़िरी दिन था 
यमराज मुझे लेने आया था, 
पुछ के मेरी आख़िरी ख्वाहिश 
थम सा वो गया था,
मेंने कहाँ रुको माँ चाय बना रहीं है 
पिके जायेंगे,
माँ के हाथ कि चाय पिके 
वह ख़ुद स्वर्ग भूल गया था।

©Sandy Pawar आज मेरा आख़िरी दिन था 
यमराज मुझे लेने आया था, 
पुछ के मेरी आख़िरी ख्वाहिश 
थम सा वो गया था,
मेंने कहाँ रुको माँ चाय बना रहीं है 
पिके जायेंगे,
माँ के हाथ कि चाय पिके 
वह ख़ुद स्वर्ग भूल गया था।
आज मेरा आख़िरी दिन था 
यमराज मुझे लेने आया था, 
पुछ के मेरी आख़िरी ख्वाहिश 
थम सा वो गया था,
मेंने कहाँ रुको माँ चाय बना रहीं है 
पिके जायेंगे,
माँ के हाथ कि चाय पिके 
वह ख़ुद स्वर्ग भूल गया था।

©Sandy Pawar आज मेरा आख़िरी दिन था 
यमराज मुझे लेने आया था, 
पुछ के मेरी आख़िरी ख्वाहिश 
थम सा वो गया था,
मेंने कहाँ रुको माँ चाय बना रहीं है 
पिके जायेंगे,
माँ के हाथ कि चाय पिके 
वह ख़ुद स्वर्ग भूल गया था।
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