अब एक और ज्याद्ति नहीं, लोग तो अच्छे और बुरे दोनों मिले, लेकिन एक तीसरा प्रकार भी है, जो बुज्दिली के तले, तुम्हारे कमज़ोर पढ़ने का इंतजार करते हैं, क्यूंकि अंदर से ये फत्तू कागज़ी पहलवान दुनिया के समक्ष इंसान होने का ढोंग करते हैं। और अब एक और जयाद्ती नहीं। ऐसे में इनको इनकी औकात दिखाना ज़रूरत बन जाता है। ©Akhil Kael #Dark