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एक तो ये दिल आफती.. ऊपर से इश्क मुसाफरी.. सोचता ह

एक तो ये दिल आफती.. ऊपर से इश्क मुसाफरी..  सोचता हूं के ना लिखूंगा,, लिखता हूं रोज़ खत आखरी.. कागजी इस प्यार में अंदाज़ा ना रहा,, बिना मंज़िल के बन जाता है इंसान काफिरी..
- विकास #लव #दर्द
एक तो ये दिल आफती.. ऊपर से इश्क मुसाफरी..  सोचता हूं के ना लिखूंगा,, लिखता हूं रोज़ खत आखरी.. कागजी इस प्यार में अंदाज़ा ना रहा,, बिना मंज़िल के बन जाता है इंसान काफिरी..
- विकास #लव #दर्द