मीठी मीठी बारिश से गर दिन की शुरुआत हो बूंदें बने शीशे जैसी देख उनमें ख़ुद से मुलाकात हो रूह से हो पहचान तुम्हारी आँखों से परदा हटे सच्चाई से रूबरू हो न डरे तो क्या तुम्हारी औकात हो बारिश #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #Baarish #KhudSeMulaqat #Savera #Aukaat