मेरे दिल के सारे राज खोलती है। मेरे अफसानों को अल्फ़ाज़ बना देती है। मेरी कलम खुद को मेरा हमसफ़र बना लेती है। आज शाम 6 बजे तक भेजी हुई ही सभी रचनाएँ मान्य होंगी। फॉन्ट छोटा और बॉक्स के अंदर लिखें। लिखने के बाद पोस्ट पर आकर कमेंट में "DONE" लिखना न भूलें सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ✍🏻