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#Pehlealfaaz जब छोटा सा था मैं पल पल लगता ये स्कूल

#Pehlealfaaz जब छोटा सा था मैं पल पल लगता ये स्कूल क्यू है !
यहां इतने रूल क्यू है !
बडा हुआ थोड़ा स्कूल में हुआ नैन-मटक्का 
तब लगा बेटे तू तो फूल है स्कूल तो ब्यूटीफुल है!
मालूम ना था जिसे मैंने चाहा उसे तो मची चुल है
फिर लगा मां सही कहती है 'बेटा कलयुग है!!'
हुआ थोड़ा सा में सेंटी , यारों ने कहा छोड़ना भाई तू कूल है वो बस एक भूल है * चिल्ल रें 
सच्चे थे वो दोस्त  दिल के बहुत अच्छे 
डब्बा खाते पहले पीरियड में!
रिसेस में खूब मचाते
कभी इसकी बजाते तो कभी उसकी! टीचरों को खूब नाचते 
अब सालों बीत गए मिले वरना एक दूसरे को सब बताते 
साले आज भी याद आते है तो हम बेवजह मुस्काते !

अब कम हंसता हूं क्योंकि आस्तीन के सांपो के बिच बस्ता हूं चलो आपको उनकी तस्वीर दिखा दे !
ये लोग दिखाने को मुझे अपना दोस्त बुलाते
इनमें वो बात नहीं ये बात-बात पैसा की गीनाते
ब्रांड - ब्रांड करके औरों को नीचा दिखाते घर पर अपनी
मां- बहन पर चिल्लाते , जब भी मिलने बुलाते पैसा और गाड़ी मेरी मंगवाते दोस्ती के नाम पे ये चुतीया बनाते
हर दूसरे बंदे के सामने ये बंदी बंदी चिल्लाते और मां बहन की गालियां सुनाते ,अपना बचा आेरों का धुंए में उड़ाते,
देश में रेप हुआ इंस्टा पर शौक ये मनाते, इंग्लिश गाना बजाते और सस्ते में भंड ये हो जाते 
साले चिटर दोस्त नहीं पीठ पीछे वह देख बकरा केह कर बुलाते 
कुछ तो बहुत भारी "शक्ल इनकी गांड सी" फिर भी च्यार-च्यार  घुमाते 
उनमें से तीन R____ थी 
बेचारी एक जो इनको समझती प्यार थी  उसे ये खून के आंसू रुलाते और जब वो मूव-ऑनन कर जाती तब इन को ठेस लग जाती 
तब!
उसे ये वादे और लोयल्टी गिनवाते (क्लैपिंग यार ) तुम इतने "नीच मासूम"केसे बन जाते ! 
साला मालूम है कलयुग है!
पर मां बाप के दिए संस्कार इनसे लड़ने को खूब है!! #ZindgiKeSuch
#Pehlealfaaz जब छोटा सा था मैं पल पल लगता ये स्कूल क्यू है !
यहां इतने रूल क्यू है !
बडा हुआ थोड़ा स्कूल में हुआ नैन-मटक्का 
तब लगा बेटे तू तो फूल है स्कूल तो ब्यूटीफुल है!
मालूम ना था जिसे मैंने चाहा उसे तो मची चुल है
फिर लगा मां सही कहती है 'बेटा कलयुग है!!'
हुआ थोड़ा सा में सेंटी , यारों ने कहा छोड़ना भाई तू कूल है वो बस एक भूल है * चिल्ल रें 
सच्चे थे वो दोस्त  दिल के बहुत अच्छे 
डब्बा खाते पहले पीरियड में!
रिसेस में खूब मचाते
कभी इसकी बजाते तो कभी उसकी! टीचरों को खूब नाचते 
अब सालों बीत गए मिले वरना एक दूसरे को सब बताते 
साले आज भी याद आते है तो हम बेवजह मुस्काते !

अब कम हंसता हूं क्योंकि आस्तीन के सांपो के बिच बस्ता हूं चलो आपको उनकी तस्वीर दिखा दे !
ये लोग दिखाने को मुझे अपना दोस्त बुलाते
इनमें वो बात नहीं ये बात-बात पैसा की गीनाते
ब्रांड - ब्रांड करके औरों को नीचा दिखाते घर पर अपनी
मां- बहन पर चिल्लाते , जब भी मिलने बुलाते पैसा और गाड़ी मेरी मंगवाते दोस्ती के नाम पे ये चुतीया बनाते
हर दूसरे बंदे के सामने ये बंदी बंदी चिल्लाते और मां बहन की गालियां सुनाते ,अपना बचा आेरों का धुंए में उड़ाते,
देश में रेप हुआ इंस्टा पर शौक ये मनाते, इंग्लिश गाना बजाते और सस्ते में भंड ये हो जाते 
साले चिटर दोस्त नहीं पीठ पीछे वह देख बकरा केह कर बुलाते 
कुछ तो बहुत भारी "शक्ल इनकी गांड सी" फिर भी च्यार-च्यार  घुमाते 
उनमें से तीन R____ थी 
बेचारी एक जो इनको समझती प्यार थी  उसे ये खून के आंसू रुलाते और जब वो मूव-ऑनन कर जाती तब इन को ठेस लग जाती 
तब!
उसे ये वादे और लोयल्टी गिनवाते (क्लैपिंग यार ) तुम इतने "नीच मासूम"केसे बन जाते ! 
साला मालूम है कलयुग है!
पर मां बाप के दिए संस्कार इनसे लड़ने को खूब है!! #ZindgiKeSuch
kirtipachhola5086

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