ग़मगीन जो बैठी रहूँ मैं कभी, पास आकर वे कहते है मुझसे, 'ये प्यारी सी गुड़िया का चेहरा क्यूँ उतरा हुआ सा है?' मैं हँसकर सवाल करती हूँ उनसे, 'मेरा ये फ़िक्रमंद दोस्त अब मुझसे क्यूँ इतना उखड़ा सा है? बातों का रुख़ कुछ मोड़ कर कहते है मुझसे, 'मुझे कुछ नहीं सुनना, तुम खुश रहा करो !! मासूम से चेहरे पे ये दुनिया भर की उदासी, मुझे भी उदास कर जाती है' और हमेशा की तरह, रुआंसा मेरी आँखें कह उठती है उनसे, 'मुझे यूँ छोड़ के जाया न करो' मुझे यूँ छोड़ के जाया न करो ! #ग़मगीन #yqbaba #yqdidi Photo credits : zastavik.com