मैंने तुम्हे बुलाया क्योकिं .... प्यार तुमने नही शायद, मैंने तुम्हें किया था.. दिल तुमने नही शायद , मैंने तुमसे जोडा़ था ... मैंने तुम्हें बुलाया क्योंकि .. तुम्हें नही शायद पर तेरे बिना रहने की आदत मुझे नही थी , तुम्हें नही शायद , पर तुझे अपना हमसफर बनाने की चाहत मुझमें कहीं थी , तेरे साथ चलने की चाहत मुझमे कहीं थी , हर पल मेरा खास बनाने की चाहत मुझमें कहीं थी....... मेरी मजबूरियॉ