हूं मैं शायर निकम्मा, मुझसे कोई काम नहीं आता जिक्र उसका करवा लो, उसके सिवा कोई नाम नहीं आता | आता है मुझे बस, उसके ख्वाबों में खो जाना उसके ख्वाबों में खोए बिना, मुझे आराम नहीं आता || -by pavan निकम्मा शायर