कोई कब तक तुम्हे सोचे, कब तक तुम्हे लिखे। तेरी यादे भी मेरी नींद में पिघले। भगवन क्या ये मुमकिन है कि, कुछ ऐसा भी हो जाये। तू मुझ में धूल के सो जाये, मै तेरी नींद में भी जागु।। 🚫ADDICTED #NojotoQuote re-created poem of dr.kv