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क्या होता गर इश्क़ से, ये दिल न कभी घबराए। दिल की ऐ

क्या होता गर इश्क़ से, ये दिल न कभी घबराए।
दिल की ऐसी हालत कर दी, ये तड़प सही न जाए।

खुद से ही हम खुद के, गुनाहगार बनते चले गए।
ख़्वाहिशें दिल ने ऐसी रखी, किसी से कहा न जाए।

इस दिल को राहत तुम बिन, पहले भी न मिलती थी।
अब भी हम न जी पाते हैं, अब ये हालात किसे बताएं।

तुमसे चाहत, तुम्हीं से आशिक़ी, तुमसे ही सीखा था।
जब तुम ही नहीं हो पास मेरे, आख़िर हम कहाँ जाएं।

इतना तो बता देती मुझको, जाने से पहले ऐ दिलबर।
इस दिल ने सिर्फ तुम्हें चाहा, अब किसको गले लगाएं। ♥️ Challenge-550 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 

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क्या होता गर इश्क़ से, ये दिल न कभी घबराए।
दिल की ऐसी हालत कर दी, ये तड़प सही न जाए।

खुद से ही हम खुद के, गुनाहगार बनते चले गए।
ख़्वाहिशें दिल ने ऐसी रखी, किसी से कहा न जाए।

इस दिल को राहत तुम बिन, पहले भी न मिलती थी।
अब भी हम न जी पाते हैं, अब ये हालात किसे बताएं।

तुमसे चाहत, तुम्हीं से आशिक़ी, तुमसे ही सीखा था।
जब तुम ही नहीं हो पास मेरे, आख़िर हम कहाँ जाएं।

इतना तो बता देती मुझको, जाने से पहले ऐ दिलबर।
इस दिल ने सिर्फ तुम्हें चाहा, अब किसको गले लगाएं। ♥️ Challenge-550 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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