मुक्कु: हे मंसूर ,कैसा है। मंसूर: तुम्हारे आने से पहले तक अच्छा था। मुककु: कहना क्या चाहते हो। मंसूर: चाय का कप में डूबकर हसी वादियो की चुस्कियां ले रहा था। अब तुम आ गई हो " सत्यानाश" मुक्कु: क्यों मैंने कौन सा तुमसे चाय का कप मांग लिया। मंसूर: मांगा तो नहीं पर कहने तो वाली हो ना। मुक्कु: 😡😡😡😡 (गुस्से से मुंह फुलाते हुए) आपका आज का चैलेंज है केदारनाथ के मंसूर और मुक्कु के बीच का। आपको इनके बीच हास्य संवाद लिखना है। 🎀 आपको रोज 4:00 से 5:00 के बीच में एक चित्र मिलेगा जो की किसी फिल्म या धारावाहिक का होगा। 🎀 आपको इसके लिए प्रशस्ति पत्र मिलेगा, जिसने सबसे ज्यादा मजेदार संवाद लिखा होगा। 🎀 समय सीमा: कल 3:00 बजे तक होगी