चलो वो इश्क़ नहीं,चाहने की आदत है, फिर क्या करें ,हमे एक दूसरे को आदत है और तू अपनी, शिशागरी का हुनर मत कर जाया मैं आइना हूं , मुझे टूटने की आदत है मैं क्या कहूं , मुझे सब्र क्यों नहीं आता मैं क्या करूं कि तुझे देखने की आदत है। ©Rajat g kanpur wale #इश्क़ #आदत #चाहता #हुनर #आइना #देखने